अपना भी एक घर होता,
अपना भी एक घर होता,
समय जहाँ पर थम जाता,
पाँव जहाँ पर रुक जाते,
और
अगर हम थक जाते
नहीं सही मख़मल का ,
एक
साधारण बिस्तर होता
अपना भी एक घर होता।
घर के अंदर की दुनिया,
दुनियाभर से अच्छी है
कोना कहीं सुकून का है
कहीं शांति बसती है
घर में हीं ऐ दोस्त
ज़माने भर की खुशियाँ मिलतीं हैं,
फ़र्श अगर धरती होती,
छत इसका अंबर होता
अपना भी एक घर होता।