अपना धनुष उठाकर तुमको अब अपनों से लड़ना होगा
पार्थ विकट हालात बहुत हैं , मगर सामना करना होगा
अपना धनुष उठाकर तुमको अब अपनों से लड़ना होगा
ये जीवन ही एक समर है,जुड़ो हमेशा अच्छाई से
लड़ना होगा अगर बुराई जुड़ी तुम्हारे ही भाई से
रिश्ते नाते भाई बांधव आज भूलना होगा सबको
और धर्म का पालन करने, मार्ग सत्य का चुनना होगा
अपना धनुष उठाकर तुमको अब अपनों से लड़ना होगा
भीष्म पितामह द्रोण सभी जन, खड़े विवशता के मारे हैं
अपने अपने धर्म जाल में, फँसे हुये ही ये सारे हैं
इनके आगे भी कर्तव्यों के पालन की मजबूरी है
और तुम्हें भी तोड़ मोह केबंधन आगे बढ़ना होगा
अपना धनुष उठाकर तुमको अब अपनों से लड़ना होगा
युद्ध महाभारत का जग को पाठ पढ़ाकर ही जायेगा
जो जैसे भी कर्म करेगा उसका वैसा फल पायेगा
गीता के ये उपदेश जगत को,जीवन जीना सिखलायेंगे
एक नया इतिहास तुम्हें भी, युद्ध भूमि में लिखना होगा
अपना धनुष उठाकर तुमको अब अपनों से लड़ना होगा
19-01-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद