अपना कौन है
****** अपना कौन है ******
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बुरी घड़ियों में अपना कौन है,
पड़ी आफ़त में अपना कौन है।
खड़ा अपनों में फिर भी मौन हूँ,
भरी महफ़िल में अपना कौन है।
लगे जयकारा पूरे जोश से,
भरे दरबार में अपना कौन है।
दिखे हर कोई बेपरवाह सा,
बड़े परिवार में अपना कौन है।
भजन मनसीरत गाता ज़ोर से,
लगी संगत में अपना कौन है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)