अपना कहने का अधिकार हार गई
अपना कहने का अधिकार हार गई
आज से वो मेरा ऐतबार हार गई
जिनके सीने की नाप है 56 इंच
हैरत है कि उनकी सरकार हार गई
सब ने कहा ये जीता है वो जीता है
मेरी नजर में खेतों की बहार हार गई
जश्न की रौनक उस चूल्हें पर कहां है
जिस पर आग भी हुई लाचार हार गई
अब कौन इतनी हिम्मत दिखाएगा यहां
मुल्क की आत्मा है बीमार हार गई
यही तो सियासत है तनहा तुम क्या जानो
ऐसा तो नहीं है कि पहली बार हार गई