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8 Mar 2022 · 1 min read

अपनापन

जब भी तू उसे देख हाँ अपना सा लगेगा
आकर वो दूर से तेरे सीने से लगेगा।।

चूमेगा हाथ तेरा व कलाई पकड़ कर
किसी आफ़ताब सा देखो रौशन लगेगा।।

हाथों में सजाएगा तेरे सतरंगी चूड़ियाँ
पावों के पायल सा वो खनकने लगेगा।।

देख प्रेम को तेरे हाँ बहुत कुछ लगेगा
लगने वालों को शायद मिर्ची सा लगेगा।।

©अनन्या राय पराशर ®

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