“अपनापन”
कितना खाली और सुनापन,
फिर भी उसमे है अपनापन ।।
क्योंकि की आज का दौर…!
कितना भागम भाग वाला दौर…!
अपनों को मिलने के लिए, वक्त नहीं किसी के पास ।।
इसमें भी आज, किस्मत से मिला है ऐ पल।
बात करलो अपने साथ।।
खुद की भी सुन लो प्यारे …
क्या बदला है खुद में,
उसकी भी जरा नोंध लो….!!!