Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2021 · 1 min read

अपनत्व की भावना

अपनत्व है मुझे,
इन पत्थरों से भी,
जिस पर अपना नाम लिखता हूंँ ।

अपनत्व है मुझे,
इन हवाओं से भी,
जिनसे मैं अपनी खबर देता हूंँ ।

अपनत्व है मुझे,
इस जलती आग से भी,
जो अंधेरे में राह दिखाता है।

अपनत्व है मुझे,
इन नदियों से भी,
जिससे जीवन जीता हूंँ।

अपनत्व है मुझे,
इन वृक्षों से भी,
जिससे अपनी क्षुधा शान्त करता हूंँ।

अपनत्व है मुझे ,
इन पुष्प से भी,
जो खुशियों की सौगात देते हैं।

अपनत्व है मुझे ,
इन पंछियों से भी,
ये तो मेरा भोर कराते हैं।

अपनत्व है मुझे,
इस मिट्टी से भी ,
जिसमें अंत समय पर मिल जाता हूंँ।

अपनत्व है मुझे,
आप से भी,
आप ही तो याद दिलाते हैं।

आज नहीं तो कल,
उनसे भी अपनत्व होगा,
वही तो मेरे मेहमान हैं।

#बुद्ध प्रकाश;मौदहा, हमीरपुर ।

Language: Hindi
4 Likes · 340 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Buddha Prakash
View all
You may also like:
मेरे भी दिवाने है
मेरे भी दिवाने है
Pratibha Pandey
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
माँ बाप खजाना जीवन का
माँ बाप खजाना जीवन का
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
*शीतल शोभन है नदिया की धारा*
*शीतल शोभन है नदिया की धारा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आंखों में
आंखों में
Dr fauzia Naseem shad
नफ़्स
नफ़्स
निकेश कुमार ठाकुर
जिस नारी ने जन्म दिया
जिस नारी ने जन्म दिया
VINOD CHAUHAN
..
..
*प्रणय*
मोहब्बतों की डोर से बँधे हैं
मोहब्बतों की डोर से बँधे हैं
Ritu Asooja
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
रफ़्तार - ए- ज़िंदगी
रफ़्तार - ए- ज़िंदगी
Shyam Sundar Subramanian
नारी के सोलह श्रृंगार
नारी के सोलह श्रृंगार
Dr. Vaishali Verma
बहू
बहू
Buddha Prakash
सादगी मुझमें हैं,,,,
सादगी मुझमें हैं,,,,
पूर्वार्थ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
शीर्षक:इक नज़र का सवाल है।
शीर्षक:इक नज़र का सवाल है।
Lekh Raj Chauhan
अश'आर हैं तेरे।
अश'आर हैं तेरे।
Neelam Sharma
*स्वस्थ देह दो हमको प्रभु जी, बाकी सब बेकार (गीत)*
*स्वस्थ देह दो हमको प्रभु जी, बाकी सब बेकार (गीत)*
Ravi Prakash
वक़्त और नसीब
वक़्त और नसीब
gurudeenverma198
"सोचो जरा"
Dr. Kishan tandon kranti
सितारों से सजी संवरी इक आशियाना खरीदा है,
सितारों से सजी संवरी इक आशियाना खरीदा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अंधेरे आते हैं. . . .
अंधेरे आते हैं. . . .
sushil sarna
कहानी उसके हाथ में है, वो..
कहानी उसके हाथ में है, वो..
Shweta Soni
रमेशराज के कहमुकरी संरचना में चार मुक्तक
रमेशराज के कहमुकरी संरचना में चार मुक्तक
कवि रमेशराज
4240.💐 *पूर्णिका* 💐
4240.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
राष्ट्रीय किसान दिवस : भारतीय किसान
राष्ट्रीय किसान दिवस : भारतीय किसान
Satish Srijan
इतना भी अच्छा तो नहीं
इतना भी अच्छा तो नहीं
शिव प्रताप लोधी
फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना।
फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना।
Manisha Manjari
जज़्बात पिघलते रहे
जज़्बात पिघलते रहे
Surinder blackpen
Loading...