अन्न को व्यर्थ न करे
अन्न को व्यर्थ न करे
इस पंक्ति के साथ आपकी बात को प्रारम्भ कर रही हूँ कि “भोजन उतना ही लें थाली में व्यर्थ न जाए नाली में,
मैं तो बहुत पहले से ही इस स्लोगन पर कार्य कर रही हूँ अन्न व्यर्थ ना करने का संकल्प ले लिया, अब आपकी बारी है।आप भी अपने परिवार ,सहयोगियों,पड़ोसियों को इस बारे में अवश्य ही जागरूक करे।आज से ही प्रण ले कि जितना हम खा सके उतना ही खाना परोसे।न जाने कितने लोग है जो दाने दाने के लिए मोहताज हैं।अन्न का एक एक दाना कीमती हैं उसकी कीमत को समझें।
हम बचपन से ही सुनते आये हैं की अपनी थाली में अन्न कभी झूठा मत छोड़ना, कभी भी अन्न का अपमान मत करना क्योकि अन्न परब्रह्म होता हैं।अन्न तो प्रभु की अमूल्य देंन हैं हम उसकी इज्जत करनी है व जरूरत को समझते हुए ध्यान देना है कि कोई हैं जो इसके लिए तड़फता हैं।भूखों मरता है।
यह तो हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन के लिए भोजन कितना महत्वपूर्ण हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि, इस पूरी दुनिया में जितना भी भोजन बनता है, उसका करीब 1 अरब 30 करोड़ टन बर्बाद चला जाता है।जी हाँ यह आंकड़ा सत्य है।
जी हां , एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में बने हुए भोजन का लगभग एक तिहाई हिस्सा बर्बाद चला जाता है, वहीं दूसरी तरफ अन्न, जल उपलब्ध नहीं होने की वजह से हजारों की तादाद में बच्चे रोजाना भुखमरी और कुपोषण का शिकार हो रहे हैं, लेकिन फिर भी कुछ लोग ऐसे हैं, जो बड़े स्तर पर अन्न की बर्बादी कर रहे हैं।
शादी, बर्थडे पार्टी अथवा किसी बड़े आयोजन में बड़ी मात्रा में बचे हुए खाने को लोग गरीबों में बांटने की बजाय उसे सड़ा कर डस्टबिन में फेंक देते हैं। इसके साथ ही रोजाना होटल, ढाबा और रेस्टोरेंट में बनने वाला खाना भी काफी बड़ी मात्रा में बर्बाद कर दिया जाता है।
इसलिए शायद आज हमें अपने इस परिवार के मुख्य सदस्य द्वारा यह नाजुक विषय प्रदान किया गया है ताकि हम भी सचेत रहे।तो आइए आज से स्वयं भी ध्यान दे व दूसरे का भी इस ओर ध्यान आकृष्ट कराए।खुद खूब खाये पर बर्बाद न करे।इसी संकल्प के साथ।
“खायेंगे हम भरपेट पर व्यर्थ न करेंगे
भूखे किसी पेट मे वो अन्न भरेंगे
आज हम खुद से ये वादा करेंगे
अन्न का एक दाना भी व्यर्थ न करेंगे”।
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद