Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2021 · 2 min read

अन्नदाता

सत्ता की मदहोशी त्याग, सोए हुए हुक्मरान जाग,
फुट जाएंगे सबके भाग क्यों बन बैठा अनजान है|
पत्थर काले के किले से, काले शीशे की गाड़ी से,
जरा सा बाहर झांक, क्यों अन्नदाता परेशान है|
ये है बड़ा भोला भाला, इसको गर्मी लगे न पाला,
देने को हर पेट को निवाला, बन जाता अन्न रखवाला,
पैरों में अपने घूमती मौत से होकर अनजान है|
यही है बस सच्चा दाता, सब को यह भर पेट खिलाता,
खुद का यह भर न पाता, फिर भी अनवरत अन्न उगाता,
भूखा है खुद अन्नदाता कैसा विधाता का विधान है|
कुर्सी पर बैठ सपना सजाया, हरितक्रांती अभियान चलाया,
पानी की जगह खून बहाया, पसीने से कर दिखलाया,
पर भला इसने क्या पाया, कौन सपना चढ़ा परवान है|
गरीब है कोई चाहे पूंजी वाले हैं, सब इसने ही पाले हैं,
इसने ना भेद किया साफ नियत चाहे कोई दिल के काले हैं,
हाथ हल चलाने वाले हैं फिर क्यों फांसी बना दे रहे जान है|
हो परेशान खेती से मुंह मोड़ लिया हल से नाता गर तोड़ लिया,
भूखा मरेगा आलम सारा दुखिया ने अगर अन्न उगाना छोड़ दिया,
दर दर ये खूब दौड़ लिया, झांक खुद तुम्हारा गिरेबां करता बयान है|
नाम हर कोई भुनाते इसका, सत्ता मिली वादे से खिसका,
चौथा स्तंभ भी गुंगा बहरा, देख रहा शदियों से पिसता,
खादी खाद्य उगाया इसका, हे ‘माचरा’ किसपे तुझे गुमान है|
सत्ता की मदहोशी त्याग, सोए हुए हुक्मरान जाग,
फुट जाएंगे सबके भाग क्यों बन बैठा अनजान है|
पत्थर काले के किले से, काले शीशे की गाड़ी से,
जरा सा बाहर झांक, क्यों अन्नदाता परेशान है|
मैन पाल मात्रा
एक किसान वंशज

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 353 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मत देख कि कितनी बार  हम  तोड़े  जाते  हैं
मत देख कि कितनी बार हम तोड़े जाते हैं
Anil Mishra Prahari
मेरी कलम
मेरी कलम
Dr.Priya Soni Khare
2904.*पूर्णिका*
2904.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
छोटे छोटे सपने
छोटे छोटे सपने
Satish Srijan
वो एक संगीत प्रेमी बन गया,
वो एक संगीत प्रेमी बन गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रेम पत्र बचाने के शब्द-व्यापारी
प्रेम पत्र बचाने के शब्द-व्यापारी
Dr MusafiR BaithA
इक तमन्ना थी
इक तमन्ना थी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गं गणपत्ये! माँ कमले!
गं गणपत्ये! माँ कमले!
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
" यादों की शमा"
Pushpraj Anant
मैंने तो बस उसे याद किया,
मैंने तो बस उसे याद किया,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
-- मंदिर में ड्रेस कोड़ --
-- मंदिर में ड्रेस कोड़ --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
पिता का साया
पिता का साया
Neeraj Agarwal
अपनी मंजिल की तलाश में ,
अपनी मंजिल की तलाश में ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
*मिलती जीवन में खुशी, रहते तब तक रंग (कुंडलिया)*
*मिलती जीवन में खुशी, रहते तब तक रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
एक अबोध बालक डॉ अरुण कुमार शास्त्री
एक अबोध बालक डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्यार का यह सिलसिला चलता रहे।
प्यार का यह सिलसिला चलता रहे।
surenderpal vaidya
राना दोहावली- तुलसी
राना दोहावली- तुलसी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ना अश्रु कोई गिर पाता है
ना अश्रु कोई गिर पाता है
Shweta Soni
😊
😊
*प्रणय प्रभात*
काँच और पत्थर
काँच और पत्थर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सौगंध
सौगंध
Shriyansh Gupta
"ग़ौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
बेमतलब सा तू मेरा‌, और‌ मैं हर मतलब से सिर्फ तेरी
बेमतलब सा तू मेरा‌, और‌ मैं हर मतलब से सिर्फ तेरी
Minakshi
लोग कहते हैं कि प्यार अँधा होता है।
लोग कहते हैं कि प्यार अँधा होता है।
आनंद प्रवीण
"शौर्य"
Lohit Tamta
11-🌸-उम्मीद 🌸
11-🌸-उम्मीद 🌸
Mahima shukla
आज के समय में शादियों की बदलती स्थिति पर चिंता व्यक्त की है।
आज के समय में शादियों की बदलती स्थिति पर चिंता व्यक्त की है।
पूर्वार्थ
श्रद्धांजलि
श्रद्धांजलि
नेताम आर सी
हमारी फीलिंग्स भी बिल्कुल
हमारी फीलिंग्स भी बिल्कुल
Sunil Maheshwari
इश्क की गलियों में
इश्क की गलियों में
Dr. Man Mohan Krishna
Loading...