अन्तिम वाख्या
तक़दीर बता तूने मुझको
किस मोड़ पर लाकर छोड़ दिया,
खुद प्यार किया खुद ठुकराया
फिर प्यार भरा दिल तोड़ दिया।
एक मोड़ तलक तो साथ दिया
एक मोड़ पर लाकर छोड़ दिया,
तकदीर बता तूने मुझको
किस मोड़ पर लाकर छोड़ दिया।
कुछ ज़ख्म भरे है सीने में
अफ़सोस बहुत है जीने में,
कुछ स्वर वेदना से भरा
है वेग बहुत मेरे मन में।
खुद ख़्वाब दिखा कर इस दिल में
क्यों ज़ंजीरों को तोड दिया,
तकदीर बता तूने मुझको
किस मोड़ पर लाकर छोड़ दिया।