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18 Jul 2024 · 1 min read

अन्तस की हर बात का,

अन्तस की हर बात का,
दृग करते अनुवाद ।
संवादों की श्रृंखला ,
पूर्ण करें उन्माद ।।

सुशील सरना / 18-7-24

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