Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Apr 2020 · 5 min read

विभिन्न–विभिन्न दोहे

बने रहेंगे दोस्त हम, मित्रगणों के बीच
सभी चेहरे एक से, जितनी फोटो खींच //1.//

अब न व्याप्त हो भय कहीं, अब न हो कहीं युद्ध
उठो! सभी!! आओ चलें, परम पिता है बुद्ध //2.//

हो साधन कोई यहाँ, रहे हमेशा पास
प्यास हिया की तब बुझे, रहे आपकी आस //3.//

सफ़र आपके साथ तो, पतझर भी मधुमास
खिले-खिले जब दिल मिलें, हर मौसम है ख़ास //4.//

कब गुज़रा वो लड़कपन, कब हुए हम जवान
मिले बुढ़ापे में कहाँ, ज़िन्दगी के निशान //5.//

दुःख कहे का मित्रवर, हीरा-मोती साथ
सुख-दुःख मिलके बाँटिये, कभी न छोड़ो हाथ //6.//

गुटका बीड़ी हो गए, लॉक डाउन में बन्द
क्यों कोरोना काल में, धन्धा-पानी मन्द //7.//

सभी में सर्वश्रेष्ठ हैं, ब्रह्मा-विष्णु-महेश
प्रथम वन्दना आपकी, गौरी पुत्र गणेश //8.//

बुद्ध पूर्णिमा के दिवस, संकल्प लें प्रबुद्ध
विश्वव्यापी शान्ति हो, कहीं न हों अब युद्ध //9.//

कला क्षेत्र में बेहतर, कर जाते कुछ हाय
मक्खी मारे बैठ के, दफ़्तर में कविराय //10.//

क़िस्मत ज़ीरो हाय जब, लाख दीजिये पोज़
माया नगरी में नहीं, बनते सब हीरोज़ //11.//

सितार प्रतीक आपका, होंठो पर मुस्कान
बेजोड़ कलाकार हो, बढ़ी सभा की शान //12.//

उत्तम गायक आप हैं, सबको ये विश्वास
क्लासिक म्यूज़िक आपका, सबको आये ‘रास’ //13.//

‘मा’ से शब्द मुकेश भी, और है महावीर
एक कम्पनी एक ग्रुप, इक जैसी तक़दीर //14.//

अजगर डूबे जश्न में, मारा एक भुजंग
सेक सियासी रोटियाँ, बच गए सब दबंग //15.//

करी नौकरी जग मुआ, बना सका न माल
कल भी भूखे हम फिरे, अब भी हैं कंगाल //16.//

माँ पे दोहे श्रेष्ठ हैं, यह प्रभु का वरदान
सबका सुख दुःख जानती, रखती सबका ध्यान //17.//

आपसे बड़ी आस थी, पत्रकार थे ख़ास
मित्रो सबको छोड़कर, असमय चले विकास //18.//

पाप पुण्य दो मार्ग हैं, रंक बनो या भूप
अच्छाई यदि छाँव हैं, बुरे कर्म हैं धूप // 19.//

भारत माँ का चित्र यह, सबसे स्वर्णिम दौर
भारत था संसार में, सबका ही सिरमौर // 20. //

खीरा मिले पहाड़ में, पिसा लहसुनी नून
फिर दिल्ली क्या आगरा, लगे देहरादून // 21. //

लंका घर में चित हुआ, मचा क्रिकेट धमाल
दीपू और भुवी किये, आलराउण्ड कमाल // 22. //

नमन करूँ मैं आपको, जड़ा पहला तृतीय
क्रिकेट में वीरू हुए, यूँ प्रथम भारतीय // 23. //

शतकों का भी लो शतक, लगा दिए भगवान
देख-देखकर धन्य हैं, क्रिकेट के विद्वान // 24. //

जीत-जीतकर कप सभी, लगा दिए अम्बार
मानेंगे हर दौर में, धोनी को अवतार // 25. //

छह छक्के छह बॉल में, लगा बने सरताज
भारत का जन-मन छुए, क्रिकेट के युवराज // 26. //

चौके-छक्कों से छुए, धवन ने सभी शिखर
और ताव दें मूछ पर, सदा यूँ रहें निडर // 27. //

निश्चय ही वह शख़्स खुद, कहलायेगा बुद्ध
जीत लिए जिसने यहाँ, जीवन के सब युद्ध // 28. //

क्रोध धरम का देख के, तबियत है नासाज़
गई यार की जान तो, वीरू है नाराज़ // 29. //

हाथ खोल गब्बर अभी, पी जाऊँगा खून
बसन्ती नहीं नाचना, सिर पे आज जनून // 30. //

बोझ उठाया उम्रभर, नाम धरा इक़बाल
अभिनय के सम्राट तुम, जीत लिए हो काल // 31. //

मोदी को ‘हर हर’ कहें, कृपा है महादेव
मोदी घर घर आज हैं, सब देव कुछ न लेव // 32. //

पूरी की हर योजना, निर्धन जन-जन युक्त
प्रधानमंत्री धन्य हैं, सबको राशन मुफ़्त // 33. //

दुनिया में फिर आपकी, कहीं नहीं है पूछ
मुखमण्डल पर आपके, उगी नहीं यदि मूछ // 34. //

रवि चमका जापान में, रखी हिन्द की लाज
ओलम्पिक में ले लिया, रजत पदक फिर आज // 35. //

एक नया अध्याय फिर, हॉकी का मैदान
खूब पदक जीता नया, बढ़ी देश की शान // 36. //

रहीम हर व्यवहार में, कुशल कला परिपूर्ण
उत्तम दोहे आपके, भाव नीति से पूर्ण // 37. //

खुसरो को शत-शत नमन, कहें तूतिए-हिन्द
थे हिन्दी-ओ-फ़ारसी, के मतवाले रिन्द // 38. //

नीरज गोल्डन बॉय के, आगे टिका न एक
ओलम्पिक थ्रो जेवलिन, सबसे उत्तम फेंक // 39. //

खानों में रसखान थे, कृष्ण भक्ति की जान
भक्तिकाल के कवि अमर, कृष्ण भक्ति की शान // 40. //

‘विजयी विश्व’ गीत रचा, बढ़ा तिरंगा मान
श्यामलाल तुम धन्य हो, सर्वोच्च राष्ट्रगान // 41. //

रीतिकाल के कवि अमर, बाबा केशवदास
सब कुछ सर्वोत्तम रचा, ‘रसिक प्रिया’ है खास // 42. //

हाय ट्विटर ने कर दिया, पप्पू जी को लॉक
अभिव्यक्ति को देखिए, आज लगा है शॉक // 43. //

दोहों का सौन्दर्य ये, हर ले मन सम्पूर्ण
बिहारी सतसई रचे, नीति-भक्ति से पूर्ण // 44. //

मधुबाला मुस्कान है, प्रेम देव आनन्द
दोनों के इस साथ से, बिखरा है मकरन्द // 45. //

मातृभूमि की आन पर, क़ुर्बान है शरीर
मेजर सोमनाथ रहे, यूँ प्रथम परमवीर // 46. //

जय नायक जदुनाथ की, गरजे शेर समान
अरिदल का विनाश किया, न्योछावर की जान // 47. //

शे’र लांस नायक करम, जीवित बने मिसाल
पीटा पाकिस्तान को, जीते फिर टिथवाल // 48. //

देव—वहीदा ने ग़ज़ब, मचाया था धमाल
लाजवाब जोड़ी रही, हर फ़िल्म बेमिसाल // 49. //

आज अटल की पुण्य तिथि, मना रहा है देश
ईमानदार छवि रही, दिया प्रेम सन्देश // 50. //

थे नेताओं में अटल, नेता बड़े विशेष
ताउम्र रही सादगी, गांधीवादी शेष // 51. //

“झाँसी की रानी” रची, कविता महत्वपूर्ण
सन सत्तावन का समर, बता दिया सम्पूर्ण // 52. //

सुभद्रा कुमारी नमन, भारत का अभिमान
महाकाल के भाल पर, छोड़े अजब निशान // 53. //

लॉर्ड्स की ज़मीन पर, रचा नया इतिहास
शमी, बुम-ओ-सिराज ने, दिखाया नया क्लास // 54. //

आ. हजारी प्रसाद थे, देवी का वरदान
श्रेष्ठ साहित्यकार थे, बहुभाषी विद्वान // 55. //

मार गिराए अनगिनित, जब तक हुआ न अन्त
भारत-चीनी युद्ध में, डटे रहे जसवन्त // 56. //

मार नजीबुल्लाह को, दयालू तालिबान
मानवता का कर रहा, आज बड़ा गुणगान // 57. //

बेचैन महाकवि कुँअर, है साष्टांग प्रणाम
सच्चे साधक शब्द के, योगी आठों याम // 58. //

प्रभु जी का मन्दिर बने, त्यागे तब ही प्राण
आज सफ़र अन्तिम चले, राम भक्त कल्याण // 59. //

राखी का त्यौहार है, भ्रात प्रेम सन्देश
रक्षा बन्धन प्रेम पर, बहना का आदेश // 60. //

राजेश-शर्मिला रहा, रोमांस यादगार
नम्बर वन हीरो बने, काका सदाबहार // 61. //

साहिब जी गुरु ग्रन्थ को, मोदी दे सम्मान
हिन्दू ही देता रहा, सब धर्मों को मान // 62. //

साहिब जी गुरु ग्रन्थ को, लाये हिन्दुस्तान
अपमान कहीं ना करे, तालिबान शैतान // 63. //

जात-धर्म पूछे नहीं, हरेक जाता फ़ौज
‘राना’ हिन्दुस्तान में, हरेक करता मौज // 64. //

हिन्दू-सिख है कष्ट में, जीवन नर्क समान
राना डर जाने वही, जो रहते अफ़ग़ान // 65. //

अमरुल्लाह तुझे नमन, खूब दिया सन्देश
मरना कबूल है मगर, छोडूंगा ना देश // 66. //

‘पंजशीर’ का शेर तू, महान अमरुल्लाह
तालिबान पर कर फ़तह, हाफ़िज़ है अल्लाह // 67. //

सौ जन्म भी मिलें अगर, हँसकर दे दूँ जान
ज़ालिम के हाथों मगर, ना दूँ हिन्दुस्तान // 68. //

दसों दिशाएँ झूमती, पहनाती हैं ताज
कृष्ण जन्माष्टमी बनी, पर्व सुहाना आज // 69. //

पंजशीर के शेर थे, शहीद वहीद खान
अंत तलक लड़ते रहे, जब तलक रही जान // 70. //

बीस साल से चैन था, थामे फिर हथियार
असलम बाबा नाम है, पंजशीर से प्यार // 71. //

चिड़िया रानाघाट की, बुलन्द थी परवाज़
रानू मण्डल खो गई, प्यारी थी आवाज़ // 72. //

न्यूटन के विज्ञानं का, ग़ज़ब रहा अनुमान
गिरे हुए इक सेब ने, बना दिया विद्वान // 73. //

साहिब डॉ बेदी किरण, अफ़सर बनी मिसाल
समाज सेवा लक्ष्य था, समर्पण बेमिसाल // 74. //

लक्ष्य रेडियम खोजकर, किया जगत उद्धार
मैरी क्यूरी को मिला, नोबेल पुरस्कार // 75. //

आइन्स्टाइन भौतिकी, वैज्ञानिक का ओज
प्रकाश-विद्युत क्षेत्र में, ऊत्सर्जन की खोज // 76. //

लोकमान्य कहते जिसे, जननायक थे बाल
जन्मसिद्ध अधिकार है, ‘स्वराज’ ठोकी ताल // 77. //

अहिंसा पथ पर जो रहे, थामे सबका हाथ
गाँधी दर्शन था यही, मिले सभी का साथ // 78. //

समझ बरादर बात को, कट्टरता दे त्याग
अमन चैन की राह ले, जाग सके तो जाग // 79. //

‘सुबुही’ की घर वापसी, स्वीट वेलकम होम
धरती से यूँ छू लिया, खूब आपने व्योम // 80. //

कष्ट हरे मंगल करे, भगवान श्री गणेश
माँ है जिनकी पार्वती, पिताश्री शिव-महेश // 81. //

कृष्ण बजाए बांसुरी, सुध खोये संसार
प्रेम धुनों में आ बसा, राधे तेरा प्यार // 82. //

इकहत्तर के युद्ध में, सहमत थी जासूस
दी अहम जानकारियाँ, फ़क्र हुआ महसूस // 83. //

रवींद्र कौशिक को मिला, ब्लैक टाइगर नाम
जासूसी में हिन्द के, आए हरदम काम // 84. //

एक कार्टून देखकर, शिव सैनिक घबराय
बात-बात में मूर्खता, उद्धव की दिख जाय // 85. //

रावण राज पवार का, कंगना करे प्रणाम
उद्धव करे न चाकरी, रउत नमक हराम // 86. //

खाँसत-खाँसत दिन गया, छींकत-छींकत रात
कोरोना मामू बने, पूछें जात न पात // 87. //

•••

Language: Hindi
1 Like · 892 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
Shankarlal Dwivedi reciting his verses in a Kavi sammelan.
Shankarlal Dwivedi reciting his verses in a Kavi sammelan.
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
प्रिये
प्रिये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अमर शहीदों के चरणों में, कोटि-कोटि प्रणाम
अमर शहीदों के चरणों में, कोटि-कोटि प्रणाम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Rap song 【4】 - पटना तुम घुमाया
Rap song 【4】 - पटना तुम घुमाया
Nishant prakhar
!..............!
!..............!
शेखर सिंह
किसी अंधेरी कोठरी में बैठा वो एक ब्रम्हराक्षस जो जानता है सब
किसी अंधेरी कोठरी में बैठा वो एक ब्रम्हराक्षस जो जानता है सब
Utkarsh Dubey “Kokil”
Colours of Life!
Colours of Life!
R. H. SRIDEVI
सौन्दर्य, समय, सुख-दुख, प्रेम और....
सौन्दर्य, समय, सुख-दुख, प्रेम और....
इशरत हिदायत ख़ान
जिसको गोदी मिल गई ,माँ की हुआ निहाल (कुंडलिया)
जिसको गोदी मिल गई ,माँ की हुआ निहाल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
Rj Anand Prajapati
क्या यही संसार होगा...
क्या यही संसार होगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
आज कल परिवार में  छोटी छोटी बातों को अपने भ्रतिक बुद्धि और अ
आज कल परिवार में छोटी छोटी बातों को अपने भ्रतिक बुद्धि और अ
पूर्वार्थ
*
*"मुस्कराहट"*
Shashi kala vyas
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Biography of Manish Mishra World Record Holder Journalist
Biography of Manish Mishra World Record Holder Journalist
World News
परमूल्यांकन की न हो
परमूल्यांकन की न हो
Dr fauzia Naseem shad
या खुदा तेरा ही करम रहे।
या खुदा तेरा ही करम रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
पहले की औरतों के भी ख़्वाब कई सजते थे,
पहले की औरतों के भी ख़्वाब कई सजते थे,
Ajit Kumar "Karn"
“दोहरी सोच समाज की ,
“दोहरी सोच समाज की ,
Neeraj kumar Soni
"A small Piece
Nikita Gupta
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रोला छंद
रोला छंद
sushil sarna
वक्त आने पर सबको दूंगा जवाब जरूर क्योंकि हर एक के ताने मैंने
वक्त आने पर सबको दूंगा जवाब जरूर क्योंकि हर एक के ताने मैंने
Ranjeet kumar patre
#स्मृति_के_गवाक्ष_से-
#स्मृति_के_गवाक्ष_से-
*प्रणय*
जिसने शौक को दफ़्नाकर अपने आप से समझौता किया है। वह इंसान इस
जिसने शौक को दफ़्नाकर अपने आप से समझौता किया है। वह इंसान इस
Lokesh Sharma
नहीं घुटता दम अब सिगरेटों के धुएं में,
नहीं घुटता दम अब सिगरेटों के धुएं में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चुनाव और विकास
चुनाव और विकास
SURYA PRAKASH SHARMA
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
Dr Archana Gupta
"नफरत"
Yogendra Chaturwedi
"खासियत"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...