अन्तर्द्वन्द्व
अन्तर्द्वन्द्व
क्या करे जब
देख उनको-
अंग अंग में नृत्य
मचल जाता है !
आलिंगन की परिभाषा,
चुंबन की अभिलाषा,
रगों में रक्त-चाल
बदल जाती है ।
सपने आते नही,
देखता हूँ ,परन्तु
साँसों की रफ़्तार
बदल जाती है !
क्यों सोचता हूँ
इन बातों को !
फूलो को देख मिज़ाज
मौसम के बदल जाते हैं !
-नरेन्द्र