अनोखा रिश्ता
ये कैसे हैं रिश्ते । अनमोल रिश्ते
ये धागे रिश्तों के । ये धागे हैं कैसे
मजबूत हो कर भी यह टूट जाते हैं
जाने यह कैसे । जाने यह कैसे
ये कैसे हैं रिश्ते । अनमोल रिश्ते
ये कैसा है दर्पण । अनमोल दर्पण
ये अक्स अपनों का । ये अक्स है कैसा
दिखाई देता है जिसमें सँसार अपनों का
मजबूत हो कर भी यह टूट जाता है
जाने यह कैसे । जाने यह कैसे
इस दर्पण मे मिले कितने रिश्ते
इस दर्पण मे बने कितने रिश्ते
देखे कितने रूप हमने रिश्तों के
साये कई हैं मेरे अपनों के
सामने होकर भी दर्पण बिखर जाता है कैसे
जाने यह कैसे । जाने यह कैसे
ये कैसे हैं रिश्ते । अनमोल रिश्ते
आये थे हम एक रिश्ते में । बंधे थे हम एक रिश्ते मे
बना दिये खुदा ने जाने कितने रिश्ते
मिलता रहा मैं हर रूप में । ये रूप हैं कैसे किरदार कई हे इस रिश्ते के ! ये किरदार हे कैसे बचपन मे एक होते है और जवानी मे एक होते है !!