अनोखा करवा चौथ
एकाएक जीवन में वो होता है.. जो कल्पनाओं से परे होता है..करवा चौथ के पावन दिवस पर कीर्ति और किशोर मंदिर दर्शन करने को निकल पड़े.. सुबह-सुबह आगरा एक्सप्रेस वे से गुजरना बहुत अच्छा अनुभव देता था..वो लोग एक-दूसरे से बतियाते हुए जा रहे थे कि अचानक आगे जा रही गाड़ी पलटी लेते हुए पुल क्रास करके नीचे गिर गई..तीव्र क्रंदन के साथ कीर्ति भय से थरथराने लगी.. किशोर भी स्तब्ध! जीवन में पहला एक्सीडेंट उनकी ऑंखों के सामने हुआ.. कुछ मिनटों बाद दोनों गाड़ी किनारे खड़ी करके उस तरफ पहुॅंचे जिधर वो गाड़ी गिरी थी..थोड़ा नीचे देखने पर उन लोगों के हाथ-पाॅंव फूल गये, चार छोटे-छोटे बच्चे, करीब पाॅंच छह- वर्ष के..एक महिला..खून से लथपथ..एक आदमी औंधें मुॅंह पड़ा था..हृदय विदारक दृश्य देखकर उन दोनों के होश उड़ गए.. दिमाग संयत कर किशोर ने पुलिस का नंबर मिलाया..तब तक आसपास रहने वाले ग्रामीणों ने प्राथमिक उपचार आरंभ कर दिया.. पुलिस और एंबुलेंस की गाड़ी के आते ही सबकी जान में जान आई। कीर्ति ने एंबुलेंस के साथ ही चलने की बात कही और कहा कि “जब तक पीड़ितों के परिवारजन न आ जाएं हम लोगों को साथ रहना चाहिए..” उसकी बात सही लगी और किशोर उन सबके साथ चल दिया। हास्पिटल पहुॅंचते ही उन घायलों का इलाज शुरू हो गया.. थोड़ी देर में महिला को और बच्चों को होश आ गया.. पुरूष के ब्रेन का आपरेशन होना था..हम सब सशंकित थे.. किशोर ने कुछ रूपयों की व्यवस्था भी कर ली, होते-होते रात हो गई.. आपरेशन के बाद जब उस सज्जन को होश आया तो उसने किशोर का बहुत आभार व्यक्त किया.. तब तक उनके माता-पिता भी पहुॅंच गये थे..उन सबने चैन की सांस ली.. कीर्ति किशोर वापस होने को निकले तो उनकी माता जी ने कीर्ति को पिन्नी निकाल कर दी.. तब कीर्ति की नज़र चाॅंद पर पड़ी..घड़ी में रात के दो बज रहे थे.. उसने घबरा कर किशोर से कहा “अपने घरवालों को कुछ नहीं पता वो घबरा रहे होंगे..”
“नहीं .. मैंने पापा को सूचित कर दिया था..”कहकर किशोर ने कीर्ति से कहा..”तुम अपना व्रत तोड़ दो..”
कीर्ति ने ईश्वर को धन्यवाद दिया और पिन्नी खाते-खाते इस अनोखे करवा चौथ के बारे में सोचने लगी..
स्वरचित
रश्मि संजय श्रीवास्तव
‘रश्मि लहर’
लखनऊ