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20 Jan 2024 · 1 min read

अनेकों पंथ लोगों के, अनेकों धाम हैं सबके।

अनेकों पंथ लोगों के, अनेकों धाम हैं सबके।
अनेकों रूप भगवन के, अनेकों नाम हैं सबके।।
अयोध्या की परम् पावन धरा, पहचान हम सबकी।
सहस्त्रों साल से बैठे दिलों में राम हैं सबके ।।
-जगदीश शर्मा सहज

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