अनूठा सम्मान : संदर्भ श्री सतीश भाटिया द्वारा स्थापित 67 वें प्याऊ का डॉक्ट
अनूठा सम्मान : संदर्भ श्री सतीश भाटिया द्वारा स्थापित 67 वें प्याऊ का डॉक्टर अजय सिंघल जी द्वारा निर्माण
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रामपुर के प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अजय सिंघल डिग्री कॉलेज में मेरे सहपाठी रहे हैं। खुशमिजाज, मिलनसार और सहृदय व्यक्ति हैं। आपकी सज्जनता से तो मैं परिचित था लेकिन परोपकारी प्रवृत्ति से तब परिचय हुआ जब आपने अपने क्लीनिक/ निवास स्थान के निकट इलाहाबाद बैंक के पास एक प्याऊ का निर्माण कराया। यह प्याऊ श्री सतीश भाटिया की संस्था रामपुर नागरिक समाज के अंतर्गत निर्मित हुआ है। रामपुर में श्री सतीश भाटिया ने प्याऊ के निर्माण के द्वारा एक अनूठी ही श्रंखला का आरंभ किया है और ऐसा कोई उदाहरण देश में दूसरा नजर नहीं आता। इतनी बड़ी संख्या में प्याऊ बनवा देना और उसके लिए लोगों को प्रेरित कर देना यह अपने आप में किसी चमत्कार से कम नहीं है। 67 वाँ प्याऊ डा.अजय सिंहल जी ने निर्माण कराकर वास्तव में जनता के सामने प्रेरणा का एक उदाहरण प्रस्तुत किया है । इसके लिए जितनी भी बधाई डॉक्टर अजय सिंघल जी को दी जाए वह कम है । प्याऊ का उद्घाटन भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित जिला अध्यक्ष श्री अभय गुप्ता के कर कमलों द्वारा 1 दिसंबर 2019 रविवार को सायंकाल 4:00 बजे हुआ।
मेरे पास 30 नवंबर को अर्थात 1 दिन पहले डॉक्टर अजय सिंघल जी का फोन आया । आपने पूछा “कल क्या कर रहे हो, रवि भाई ! ”
मैंने कहा “इस समय तो मैं गाजियाबाद के रास्ते पर हूँ, जहाँ पर रात को एक शादी में मुझे भाग लेना है । कल मेरी वापसी रामपुर में होगी ।”
अजय सिंहल जी ने पूछा” कल कितने बजे तक आ जाओगे?”
मैंने कहा “समय निश्चित नहीं है। क्या बात है ,आप बताइए।”
डॉक्टर साहब कहने लगे “हमने अपने क्लीनिक के निकट एक प्याऊ बनवाया है। उद्घाटन का समय शाम 4:00 बजे का है। उस कार्यक्रम की अध्यक्षता आपसे करानी है ।”
मैंने कहा “अध्यक्षता की कोई बात नहीं है । मैं 4:00 बजे तक आने की पूरी पूरी कोशिश करूंगा और आप के कार्यक्रम में शामिल अवश्य रहूंगा।”
डॉ अजय सिंघल ने इस पर कहा कि कंफर्म बात आप बताइए ,क्योंकि पत्थर पर आपका नाम लिखा जाएगा ।”
मैंने इस पर उन्हें जवाब दिया “मैं 4:00 बजे कार्यक्रम में जरूर पहुंच जाऊंगा।”
डॉक्टर साहब ने पुनः कहा” पक्का है।”
मैंने कहा “बिल्कुल पक्का है । मैं जरूर आऊंगा।”
फिर डा.अजय सिंहल ने मेरा पूरा नाम पूछा तथा कहा कि रवि प्रकाश के आगे तो कुछ नहीं लिखते हो ?
मैंने कहा “नहीं ।”
मैं गाजियाबाद से चलकर मुरादाबाद आया और वहाँ रुकता हुआ ठीक 3:30 बजे मेरा रामपुर आना हुआ । मैं सीधा कार्यक्रम स्थल पर ही उतर गया । वास्तव में प्याऊ के पत्थर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता में मेरा नाम लिखा हुआ था।
मैं नहीं कह सकता कि ऐसे क्या गुण डॉ अजय सिंघल ने मुझमें देखे जो उन्होंने इतना बड़ा सम्मान मुझे प्रदान किया। हो सकता है, वह गुण मुझ में विद्यमान हों। अगर हाँ, तो ईश्वर से प्रार्थना है कि वह उन सद्गुणों को मुझ में सदैव बनाए रखे और अगर किसी कारणवश वह सद्गुण मेरे भीतर वास्तव में उपस्थित नहीं हैं तो मेरी ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वह मेरे भीतर साधना की वह शक्ति उत्पन्न करे कि मैं उन सद्गुणों को अपने भीतर आत्मसात कर सकूँ। सम्मानित होने के बहुत से तरीके होते हैं लेकिन अध्यक्षता के लिए निमंत्रित कर के पत्थर पर नाम लिखवाना और उसके लिए आग्रह पूर्वक आमंत्रित करना यह एक अनूठा सम्मान रहा। जिसके लिए मैं डा.अजय सिंघल जी का तथा उनके परिवार जनों का और साथ ही साथ श्री सतीश भाटिया जी का भी आभारी हूँ।
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निवेदक : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451