अनुशासित रहे, खुद पर नियंत्रण रखें ।
मनुष्य को अपनी जिंदगी सवारने, अपनी अलग पहचान बनाने के लिए खुद को अनुशासित करना अत्यंत आवश्यक है ।
हम प्रकृति पर नजर डाले तो रात के बाद दिन, दिन के बाद रात,
सूर्य का पूरब से उदय होकर पश्चिम में अस्त होना,
वर्ष भर में एक के बाद एक मौसम बदलने का निश्चित क्रम अनुशासन का ही मिसाल है ।
यहां तक की पक्षी भी सुुबह सूर्योदय के समय जागकर चहचहाने लगते हैं, वहीं कुछ इंसान दिन के 12:00 तक बिस्तर नहीं छोड़ते ।
किसी शायर ने कहा है-
‘मंजिलें ख्वाब बनकर रह जाएं,
इतना बिस्तर से प्यार मत करना।’