अनुभवी दोहा
अभिनव, के अनुभवी बोल___
[12/09/2020 ]
दोहा-छन्द
******कर्मसुधार******
प्रातः वन्दन को करो,
जपो प्रभू का नाम ।
अंत समय पछतायगा,
कर लेते शुभ काम ।।
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प्रतिदिन पाठन कीजिये,
मात पिता रख मान ।
यह सब धन बट जात है,
बटे नही है ज्ञान ।।
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सत्य हमेशा बोलिये,
मिथ्या कर परित्याग ।
मृदु बानी सबसे कहो,
दंभ -द्वेष सब त्याग ।।
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भाग्य बने शुभ कर्म पर,
जीवन की बुनियाद ।
सौम्य कर्मों से मिले,
पूर्ण जगत मर्याद ।
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स्वार्थ का परित्याग कर,
बिना स्वार्थ कर काम ।
जन-जन सब तारीफ कर ,
ऊंचा होवे नाम ।
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स्वरचित✍️
अभिनव मिश्रा
( शाहजहांपुर )
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