अनुप्रास अलंकार
विदित विदित सा कुछ विदित है मेरे आज ख्यालों में
मंद मंद मुस्काता सोना कृषक के खेतों खलिहानो में
सफल सकल फसल हुई अब तो अब की बार
लहर लहर लहराता खेत , खुश होता सरहद पर जवान
डा राजीव “सागरी”
विदित विदित सा कुछ विदित है मेरे आज ख्यालों में
मंद मंद मुस्काता सोना कृषक के खेतों खलिहानो में
सफल सकल फसल हुई अब तो अब की बार
लहर लहर लहराता खेत , खुश होता सरहद पर जवान
डा राजीव “सागरी”