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18 Nov 2024 · 1 min read

अनुप्रास अलंकार

विदित विदित सा कुछ विदित है मेरे आज ख्यालों में
मंद मंद मुस्काता सोना कृषक के खेतों खलिहानो में

सफल सकल फसल हुई अब तो अब की बार
लहर लहर लहराता खेत , खुश होता सरहद पर जवान

डा राजीव “सागरी”

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