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12 Feb 2022 · 1 min read

अनुपम कृति

माटि चानर रत्न छिटै उजिआरा
श्यामल श्यामल गंगा कमला अनुपम धारा
माय अंखि हर्षित नोर जल
माटि केर लाल अनुपम कृति

सोन जरित देव भूमि विख्याता
राजा जनक स्वसा सीता
पावन पवित्र धरती माता
जग जग जानैत अनुपम कृति

ऐसन नगर ऐसन सभ नगरी
आनो केर पाहुन मानि जकरी
प्रेम सभ्यता संस्कार शिक्षा
नत मुण्ड अनुपम कृति

बाबा आगन आबि जतह
जगेश्वर मन मन छमकत
क्रोध मन कहैए सिमट
याज्ञवल्क्य,यात्री,दिनकर,रेनू,अनुपम कृति

बौद्ध तीर्थ उद्योत मे करू स्वागतम्
ज्ञान इजोत मे घर आँगन
महर्षि मेंही दिव्य शक्ति प्रभा
बैजधाम भू कण कण पावन
जतह स्पर्श सँ देव मिलै
नित इतिहास मे अनुपम कृति

मस्तक हिमगिरि मुकुट चान सन
नित नयन नभ पुष्प बरखा
भारती मण्डन,सिरहपा,अयाची,कालिदास
संस्कार ज्ञान गढ़ अनुपम कृति

धन्य धन्य सहज सफल तप जनम
पाओल पाहुन राम छायांकित छाया
जय-जय आंचर मे कृति रचयैत लाल,
धन्य धन्य वसुंधरा कहु अनुपम कृति

मौलिक एवं स्वरचित
© श्रीहर्ष आचार्य

Language: Maithili
364 Views

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