अनुपम उपहार ।
” ज्यों हो उपहार कोई अनुपम
यूँ आन मिले मुझसे प्रियतम
जीवन को नव आयाम मिले
जैसे सीता को राम मिले
हो पुण्य फलित दें अमित तोष
मिल गये उमा को आशुतोष
ऐसी होती अनुभूति नवल
ईश्वर ने वर दे दिये सकल”
” ज्यों हो उपहार कोई अनुपम
यूँ आन मिले मुझसे प्रियतम
जीवन को नव आयाम मिले
जैसे सीता को राम मिले
हो पुण्य फलित दें अमित तोष
मिल गये उमा को आशुतोष
ऐसी होती अनुभूति नवल
ईश्वर ने वर दे दिये सकल”