अनाड़ी खिलाड़ी _____ गजल/ गीतिका
अनाड़ी खिलाड़ी लगते हो।
निर्णय ऐसे कैसे करते हो।
नतीजा क्या होगा इन फैसलों से।
इतना भी नहीं समझते हो।।
अनुभव को धकेला।
छोड़ा उसको अकेला।
समझा रहा,क्यों न समझते हो।।
कुछ सीख लो,तभी तुम सीखना।
किस घमंड में अकड़ते हो।।
राजेश व्यास अनुनय