अनसुनी~प्रेम कहानी
चलो सुनायें आज सभी को
एक अनसुनी प्रेम कहानी
शामिल जिसमें ना कोई लैला
ना रांझे की कोई दीवानी
ये प्रेम कहानी दो बहनों की
अलग जिस्म पर जान वहीं थी
एक जो दुख में डूबी होती
दूजी तभी परछाई बनी थी
ना वो अलग, ना सोच अलग थी
बस एक-दूजे को जान समझती
रूठ भी जाती कोई किसी से
होंठों से फिर बात ना करती
अब पहले उनमें कौन मनाए
कैसे आए रीत सुहानी
चलो सुनाऊ आज सभी को
एक अनसुनी प्रेम कहानी
मोड़ कहानी में तब आया
जब मंजिल उन्हें कॉलेज ले आई
अलग हुईं सपनों की खातिर
एक नर्सिंग, एक लैब में आई
समय ना मिलता, बात ना होती
दोनों की मुलाक़ात ना होती
फिर भी वक़्त ना जीता उनसे
याद बिना कोई रात ना होती
ख़्वाबों में था मिलना-जुलना
यादों में थी, प्रीत सुहानी
चलो सुनायें आज सभी को
एक अनसुनी प्रेम कहानी