– अनमोल –
– अनमोल –
तुम्हारा नही है कोई मोल,
तुम हो इस दुनिया में मेरे लिए अनमोल,
तेरे सिवा मेरा कौन है,
तुम ही जीने का मेरा सहारा हो,
तुम मेरे लिए ईश्वर का वरदान हो,
तुम मेरे परमात्मा का प्रमाण हो,
तुम से ही सुबह है मेरी,
तुम से ही मेरी रात है,
तेरा सिवा कौन मेरा हमसफ़र हमराह है,
इसलिए कहता हु तुम्हारा कोई मोल नही,
तुम मेरे लिए हो अनमोल,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान