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18 May 2020 · 1 min read

अनमोल

तेरे आस पास होने से ही जी उठती हूं मैं
सोच मेरे कितने अंदर जाकर बैठा है तू

और किसको मैंने इतना टूट के चाहा है
मेरे सांसों के रेशमी धागे में जा बैठा है तू

~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 388 Views
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