अनमोल हैं बेटियाँ
चहकती हैं , महकती हैं, बनके मुनिया।
तेरी खूबसूरती से ,खूबसूरत है दुनिया।
रंगीन कर दे समां को , ये फुलझड़ियां।
अनमोल है बेटियां x 2 …..
चाहे ये समाज , लगा दें जितनी बेड़ियां।
पर आगे बढ़ निकलेंगी, हमारी बेटियां ।
तू अभिमान है , मेरे देश की सम्मान है।
तेरी हंसी से झरती हैं मोती की लड़ियां।
अनमोल है बेटियां …..
बेटी में समझ है , है दया-प्रेम-विश्वास।
बेटी के अपमान से ,है जग का विनाश।
सबको एकता सूत्र में,बाँधकर रखती ये
इनसे जुड़ती हैं , हर रिश्तों की कड़ियां।
अनमोल है बेटियां……
माता-पिता के खुशी का,तुझे अहसास ।
और हर कष्टों में ,माता-पिता के साथ ।
धूप लगे तो, बनती छाया जिनके लिये ।
आखिर क्यों ?हो जाती विदाई,बेटियां ।
अनमोल है बेटियां….
(रचयिता :-मनी भाई भौंरादादर बसना )