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13 Sep 2024 · 4 min read

अनमोल मिलन

एक दिन, गाँव में एक नया व्यक्ति आया। उसका नाम था दीपक, और वह एक लेखक था जो शहरी जीवन की चहल-पहल से दूर कुछ शांति की तलाश में यहाँ आया था। दीपक ने गाँव में एक पुराना घर किराए पर लिया और वहीं रहने लगा। गाँव के लोगों से धीरे-धीरे मिलना शुरू किया, और इसी क्रम में वह ज्योति से भी मिला।
दीपक को अपने लेखन के लिए कुछ पुराने दस्तावेज़ और किताबें मँगानी थीं, और इसके लिए उसे पोस्ट ऑफिस जाना पड़ा। जब वह पहली बार ज्योति से मिला, तो उसे ज्योति की सादगी और उसके काम के प्रति उसकी निष्ठा ने प्रभावित किया। ज्योति भी दीपक की बातों और उसके लेखन के प्रति उसके जुनून से प्रभावित हुई।
दीपक और ज्योति के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। दीपक अक्सर पोस्ट ऑफिस आता, और हर बार कुछ नई किताबें मँगवाने के बहाने ज्योति से मिलने की कोशिश करता। धीरे-धीरे उनकी बातचीत गहरी होने लगी। ज्योति ने महसूस किया कि दीपक में कुछ खास है। वह सिर्फ एक ग्राहक नहीं था, बल्कि उसके साथ बातचीत में ज्योति को एक अलग तरह की खुशी महसूस होती थी।
ज्योति ने दीपक से उसके लेखन के बारे में पूछा, और दीपक ने ज्योति को अपने उपन्यास की कुछ पंक्तियाँ सुनाईं। ज्योति को दीपक की लेखन शैली बहुत पसंद आई, और वह उसकी कहानियों में खोने लगी। दीपक ने महसूस किया कि ज्योति एक खास शख्स है, जिसे वह अपने जीवन में चाहता है।
एक दिन, दीपक ने ज्योति से गाँव के आस-पास के जंगलों और पहाड़ियों की यात्रा करने का सुझाव दिया। ज्योति ने पहले तो मना किया, लेकिन दीपक के जोर देने पर वह तैयार हो गई। दोनों ने साथ में दिन बिताया, पहाड़ियों पर चढ़े, और गाँव के सुंदर नज़ारों का आनंद लिया। उस दिन ज्योति को महसूस हुआ कि दीपक उसके दिल में एक खास जगह बना चुका है।
कुछ महीनों बाद, जब दीपक का उपन्यास पूरा हुआ, उसने ज्योति को इसे सबसे पहले पढ़ने के लिए कहा। ज्योति ने जब उपन्यास पढ़ा, तो उसे उसमें दीपक की भावनाओं का अहसास हुआ। उपन्यास का नायक और नायिका उसके और दीपक के समान थे। ज्योति को समझ में आ गया कि दीपक उसके प्रति क्या महसूस करता है।
एक दिन, जब ज्योति पोस्ट ऑफिस में अकेली थी, दीपक आया और उसने ज्योति से कहा, “ज्योति, मैं तुम्हारे बिना इस उपन्यास को पूरा नहीं कर पाता। तुमने मेरे जीवन को एक नया अर्थ दिया है। क्या तुम मेरे जीवन का हिस्सा बनोगी?”
ज्योति के दिल की धड़कनें तेज हो गईं। उसने कुछ देर सोचा, और फिर मुस्कुराते हुए कहा, “दीपक, तुम्हारी बातें मेरे दिल को छू गईं। मैं भी तुम्हारे साथ जीवन बिताने के लिए तैयार हूँ।”
दीपक और ज्योति की प्रेम कहानी पूरे गाँव में चर्चा का विषय बन चुकी थी। दोनों के रिश्ते को देखकर गाँव वाले भी खुश थे, और सभी ने उनकी शादी के लिए तैयारियां शुरू कर दीं। ज्योति ने भी दीपक के साथ अपने जीवन को साझा करने का फैसला कर लिया था।
शादी का दिन आया, और पूरे गाँव ने इस खुशी के मौके को बड़े उत्साह के साथ मनाया। ज्योति ने लाल रंग की साड़ी पहनी, जो उसकी सादगी में चार चाँद लगा रही थी। दीपक ने पारंपरिक धोती और कुर्ता पहना, और उसके चेहरे पर एक सुकून भरी मुस्कान थी। मंदिर में हुई उनकी शादी में गाँव के सभी लोग शामिल हुए। शादी के बाद, जब दीपक ने ज्योति का हाथ थामा, तो उसे लगा जैसे उसकी ज़िन्दगी पूरी हो गई हो।
शादी के बाद, दोनों को गाँव के बड़े बुजुर्गों ने आशीर्वाद दिया और उन्हें उनके नए घर तक छोड़ने गए। उनके घर को फूलों से सजाया गया था, और चारों ओर खुशबू फैली हुई थी। ज्योति ने कमरे में प्रवेश किया, और उसने देखा कि दीपक पहले से ही वहाँ इंतजार कर रहा था। कमरे में हल्की रोशनी और मधुर संगीत का माहौल था, जो उनके प्यार को और गहरा बना रहा था।
दीपक ने ज्योति का हाथ थामते हुए उसे अपने पास बिठाया। उसने ज्योति की आँखों में देखा और कहा, “ज्योति, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी ज़िन्दगी में कोई ऐसा आएगा जो मेरे हर सपने को साकार कर देगा। तुम मेरी ज़िन्दगी का सबसे खूबसूरत हिस्सा हो।”
ज्योति ने धीरे से मुस्कुराते हुए कहा, “दीपक, मैं भी खुद को बहुत खुशकिस्मत मानती हूँ कि मुझे तुम्हारे जैसा जीवनसाथी मिला। तुम्हारी बातें, तुम्हारा साथ, सब कुछ मुझे पूरा करता है।”
दीपक ने धीरे से ज्योति का घूंघट उठाया और उसकी आँखों में प्यार से देखा। दोनों के बीच एक गहरा संबंध था, जो शब्दों से परे था। उन्होंने एक-दूसरे के करीब आते हुए अपने प्यार को महसूस किया। उनके बीच एक मीठी खामोशी थी, जिसमें सिर्फ उनके दिल की धड़कनें सुनाई दे रही थीं।
दीपक ने ज्योति के चेहरे को अपने हाथों में थामा और उसके माथे पर एक कोमल चुम्बन दिया। ज्योति की आँखें बंद हो गईं, और उसने अपने आप को दीपक के करीब महसूस किया। दीपक ने उसे अपने पास खींच लिया और उसे अपनी बाँहों में समेट लिया। उस रात, दोनों की एक-दूसरे की बाँहों में उनकी ज़िन्दगी की नई शुरुआत हुई।
सुबह की पहली किरण के साथ, दीपक और ज्योति ने एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराया। उन्होंने अपने भविष्य को लेकर सपने देखे और एक-दूसरे के साथ उन सपनों को पूरा करने की कसमें खाईं।
*****

Language: Hindi
24 Views
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