अनपढ़ दिखे समाज, बोलिए क्या स्वतंत्र हम
हम स्वतंत्रता दिवस पर, करते उनको याद।
जो शहीद बन आज भी, करें दिलों पर राज।।
करें दिलों पर राज, उने हम फूल चढ़ाते।
इति करके हर वर्ष, जगत् में पुनि खो जाते।।
कह “नायक” कविराय,कुपोषित-शोषित-बेदम।
अनपढ़ दिखे समाज,बोलिए क्या स्वतंत्र हम??
बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता