अनन्त तक चलना होगा…!!!!
जीवन पथ पर…
बस अनन्त तक इन कदमों से चलना होगा।।
कर लो पुरुषार्थ यौवन में…
फ़िर शरीर को ढलना होगा-
बस अनन्त तक इन कदमों से चलना होगा।।
जैसे एक नन्ही चिड़िया पूरे नभ को मापा करती है…
जैसे रणभूमि में लड़ते- लड़ते योद्धा की साँस उखड़ती है…
जैसे एक चीटी दाना लेकर पर्वत पर चड़कर फ़िर गिर पड़ती है…
कुछ वैसे ही केशव कहते हैं-
उस चिड़िया की भांति,
उस योद्धा की, उस चीटी की भांति बस कर्म करो तुम…
उस कर्म में तुम्हारी शक्ति है।।
जीवन पथ पर…
बस अनन्त तक इन कदमों से चलना होगा।।
कर लो पुरुषार्थ जीवन में…
आत्मा अमर रहेगी,
फ़िर शरीर को जलना होगा…
बस अनन्त तक इन कदमों से चलना होगा।।।।
-ज्योति खारी