अनजान बन गया है।
हमारा उनका रिश्ता कैसा हो गया है।
गलती हमारी ही है जो वह यूं अनजान बन गया है।।1।।
हमें ना पता था इतना दूर चले जाओगे।
अब देखो तो ये मुस्तकबिल कितना बिगड़ गया है।।2।।
हर शहर हर दर पर हम कबसे जा रहे है।
तुम्हारी तलाश ने हमको बिना घर का कर दिया है।।3।।
तुम छोड़कर क्या गए यह शहर हमारा।
हमको तेरे इश्क ने बशर दूजे शहर का कर दिया है।।4।।
वह फरिश्ता ही था जो इंसानो जैसा था।
आकर हमारी तकदीर बदल के जो यूं चल दिया है।।5।।
कयामत ना आएगी इस दुनियां में अभी।
गर मुसलमा है जहां में रसूले खुदा ने कह दिया है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ