अध्याय अध्यापन का
लोग समझते हैं इसको बहाना समय यापन का
मेरे लिए चुनौती का समय होता है अध्यापन का
मेरे हाथों में होती है बागडोर ,किसी के भविष्य की।
यह बात है मेरे गहन चिंतन की,नहीं अतिशय की।
मैं चाहता हूं ,जब विदा लूं ,
मैं शिक्षार्थी चित्त पर अंकित होऊँ
जग जीत पाऊँ ना भले
अपने ह्रदय पर विजित होऊँ।