‘ अधूरे/पूरे अरमान ‘
ये मेरा हौसला और दूरदृष्टि है लोग एक जनम का नही सोच पाते और मैने तो अगले जनम का भी सोच लिया है , इसको सकारात्मकता की दृष्टि से पढ़िए….❤❤❤❤❤❤❤
‘ अधूरे/पूरे अरमान ‘
कल का किसी को पता नही
वर्तमान में अजीब सा मंजर है
दर्द में डूबा दिल का हर कोना
चारो तरफ दर्द का समंदर है ,
मेरे अरमान जो रह गये
वो बिटिया को बता दिया है
मैं अगर गई तो दुखी मत होना
वापस मुझे तेरे गर्भ से जो आना है ,
आऊँगी मैं फिर वो भी तेरे गर्भ से
दुलारना डॉटना थप्पड़ भी धरना
लेकिन बिटिया मेरे सारे अरमानोंं को
इस जनम में तुम पूरे ज़रूर करना ,
अभी तो अपने अरमानों को
दिल के एक कोने में छुपाना है
बाहर निकालने का नही कोई फायदा
पता है उसको फिर वापस से दबाना है ,
इच्छा – अरमान होते बड़े ही प्रबल
जीते जी जी भर कूदते उछलते हैं
जाने के बाद एकदम से शांत
फिर कभी भी नही ये मचलते हैं ,
इतने सालों में ना जाने कितने अरमान टूटे
सबको बड़ी सफाई से जोड़ कर छुपाये हैं
इस जनम में अरमानों को जी भर जीऊँगीं
इस बार मेरे अरमानों तुझमें जो समाये हैं ,
अपने अरमानों को अरमानों से है सहेजा
विश्वास है मेरा अगला जनम ज़रूर होना है
मेरे अरमान अगले जनम में ज़रूर पूरे होंगे
मुझे बिटिया की बिटिया बन कर जो आना है ।
स्वरचित एंंव मौलिक
( ममता सिंह देवा , 28/05/2021 )