Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2022 · 1 min read

अधूरी तमन्नाएं

अधूरी तमन्नाओं को लेकर अपनी ,
हम रुखसत होते हैं जहाँ से .
अब कोई तुम्हें मुहोबत केलिए मजबूर ना करेगा
जाओ ! तुम्हें आज़ाद कर देते हैं अपनी पनाह से.

Language: Hindi
Tag: शेर
117 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
हम जंगल की चिड़िया हैं
हम जंगल की चिड़िया हैं
ruby kumari
हिंदुत्व अभी तक सोया है, 2
हिंदुत्व अभी तक सोया है, 2
श्रीकृष्ण शुक्ल
■ हर जगह मारा-मारी है जी अब। और कोई काम बचा नहीं बिना लागत क
■ हर जगह मारा-मारी है जी अब। और कोई काम बचा नहीं बिना लागत क
*प्रणय प्रभात*
पत्थर की अभिलाषा
पत्थर की अभिलाषा
Shyam Sundar Subramanian
नव-निवेदन
नव-निवेदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
आज तू नहीं मेरे साथ
आज तू नहीं मेरे साथ
हिमांशु Kulshrestha
प्यारी प्यारी सी
प्यारी प्यारी सी
SHAMA PARVEEN
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2.
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2.
कवि रमेशराज
आज़ सच को भी सच बोल दिया मैंने,
आज़ सच को भी सच बोल दिया मैंने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मनोकामनी
मनोकामनी
Kumud Srivastava
THE ANT
THE ANT
SURYA PRAKASH SHARMA
हो सके तो खुद के मित्र बनें शत्रु नहीं
हो सके तो खुद के मित्र बनें शत्रु नहीं
Sonam Puneet Dubey
नील पदम् के दोहे
नील पदम् के दोहे
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
Some people are just companions
Some people are just companions
पूर्वार्थ
जीवन के पल दो चार
जीवन के पल दो चार
Bodhisatva kastooriya
क्या एक बार फिर कांपेगा बाबा केदारनाथ का धाम
क्या एक बार फिर कांपेगा बाबा केदारनाथ का धाम
Rakshita Bora
हर जगह मुहब्बत
हर जगह मुहब्बत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मातृभूमि
मातृभूमि
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
परी
परी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
💫समय की वेदना😥
💫समय की वेदना😥
SPK Sachin Lodhi
वो लुका-छिपी वो दहकता प्यार—
वो लुका-छिपी वो दहकता प्यार—
Shreedhar
नदी जिस में कभी तुमने तुम्हारे हाथ धोएं थे
नदी जिस में कभी तुमने तुम्हारे हाथ धोएं थे
Johnny Ahmed 'क़ैस'
हमें कहता है अन्तर्मन हमारा
हमें कहता है अन्तर्मन हमारा
Nazir Nazar
23/51.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/51.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
"खुशी"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन तब विराम
जीवन तब विराम
Dr fauzia Naseem shad
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
शेखर सिंह
** चीड़ के प्रसून **
** चीड़ के प्रसून **
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
Loading...