अधूरा इश्क
इश्क अधूरा, ख्वाब अधूरा
जीने का अंदाज अधूरा
इस एकाकी जीवन में
मेरा पूरा नाम अधूरा।
रात अंधेरी, तारे भी हैं ,
अम्बर में अंगारे भी हैं ,
पर अंगारों से तुम पूछो,
क्या अंधियारा दूर करेंगे?
लाख जले ये अम्बर मे पर,
चाँद बिना ये शब है अधूरा।
इश्क अधूरा…………
✍ प्रद्युम्न चतुर्बेदी ‘प्रकाश’