अधूरा सा सपना
अधूरा सा सपना नई बात है क्या
सफ़र है अधूरा नई बात है क्या
न अरमाँ हैं दिल में नहीं रंजोग़म हैं
मगर ऐसा होना नई बात है क्या
पता तिश्नगी का था सबको यक़ीनन
गये फिर भी सहरा नई बात है क्या
जो जागा वो पाए जो सोया वो खोए
है दस्तूर ऐसा नई बात है क्या
कि उसका था घूंसा कि इसका था थप्पड़
था जैसे को तैसा नई बात है क्या
बहुत बार दीवार फांदी है उसने
गिरा इस दफ़अ था नई बात है क्या
था ‘आनन्द’ उस पार इस पार था मैं
ये किस्सा पुराना नई बात है क्या
~ डॉ आनन्द किशोर