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28 Jul 2022 · 1 min read

अधूरा सत्य

अधूरा सत्य
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आज का अधूरा सत्य यही है
कि हमें आप पर विश्वास है
आप पर पूरा भरोसा है,
मगर मन के कोने में
अविश्वास का भी डेरा है।
जितना विश्वास है, उतना ही अविश्वास भी है
आँख बंदकर जो भरोसा करने की बात करते हैं
वो वास्तव में आपको बरगलाते हैं
अपने मन के सत्य से आपको
बहुत ही भरमाते हैं।
आज जब सत्य ही सत्य नहीं रहा
फिर अधूरे सत्य से क्यों मुँह चुराते हैं?
सत्य आज हम सबको भरमाते हैं
खुद सत्य के वजूद आज काँपते हैं
जिधर देखिए उधर ही
सत्य के रिश्ते भी अधूरे सत्य के साथ हैं
अधूरे सत्य की ये सबसे बड़ी पहचान है।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश
८११५२८५९२१
© मौलिक,स्वरचित

Language: Hindi
1 Like · 106 Views
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