अधूरा प्यार
वो तो बस अपना सुकून ढूंढने
के लिए मेरी, जिंदगी में आए थे
कैसे जानता वो दर्द देने आए है
जब गीत प्यार के साथ गाए थे।।
मिलने को बैचैन रहती थी
वो भी दीवानी लग रही थी
छोड़ दिया मुझे बीच राह में
जब राह सुहानी लग रही थी।।
फिर ना जाने क्या हुआ
वो क्यों इतना बदल गया
अपना हमको कहता था
छोड़ के हमको चला गया।।
मार रहा मुझको अब वो
पल पल याद आ कर
पता नहीं क्या मिल गया
उसको मुझे यों छोड़कर।।
माना मिलना बिछड़ना
ऊपर वाले के हाथ है
तुम तो हमेशा कहते थे
ये जिंदगीभर का साथ है।।
जो गए तुम मुझे छोड़कर
एक बार मुड़कर तो देख लेते
दर्द जो देकर जा रहे हो
मेरे चेहरे पर उसको देख लेते।।
क्या कहूं मैं अब तुमसे
तोड़ गया जो दिल उससे
कोई छोड़ जाए तुम्हें अगर
गिला करोगे तुम किससे।।
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