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22 Nov 2021 · 1 min read

अधूरा गीत

मैंने भी एक गीत लिखा था
फूर्सत से चांद-सितारों पे
उन कजरारी घटाओं पे
इन मदमस्त हवाओं पे…
(१)
मैंने भी एक गीत लिखा था
फूर्सत से बाग-बहारों पे
इन नाज़ुक कलियों पे
इन रंगीन तितलियों पे….
(२)
मैंने भी एक गीत लिखा था
फूर्सत से हसीन नज़ारों पे
उन उड़ते हुए परिंदों पे
इन भागते हुए हिरनों पे
(३)
मैंने भी एक गीत लिखा था
फूर्सत से दरिया-किनारों पे
उन आती-जाती लहरों पे
इन तैरती हुई मछलियों पे
(४)
मैंने भी एक गीत लिखा था
फूर्सत से दिलकश इशारों पे
कुछ चंचल अदाओं पे
कुछ मासुम चेहरों पे
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)
#RomanticRebelPoet

Language: Hindi
Tag: गीत
374 Views
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