Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2024 · 1 min read

अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आ

अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आती है।
जब दीपक तेजी से जलने लगे तो समझ लो बुझने का समय आ गया !
जब चींटियों के मरने का समय आता है तो उनके पंख उग आता है !
जब सूर्य दोपहर में बहुत तेज चमकता है तो उसके अस्त होने का समय आ गया है !

इसीलिए मनुष्य को हमेशा हर परिस्थिति में सम भाव रहते हुए भगवान का कृतज्ञ होकर यह समझना चाहिए की ” यह समय हमेशा एक सा नहीं रहेगा ! “

79 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खोटा सिक्का....!?!
खोटा सिक्का....!?!
singh kunwar sarvendra vikram
प्रवाह
प्रवाह
Lovi Mishra
गणेश वंदना छंद
गणेश वंदना छंद
Dr Mukesh 'Aseemit'
*लगता है अक्सर फँसे ,दुनिया में बेकार (कुंडलिया)*
*लगता है अक्सर फँसे ,दुनिया में बेकार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
क़िस्मत से जो मिले, वो नियामत है दोस्ती,
क़िस्मत से जो मिले, वो नियामत है दोस्ती,
Neelofar Khan
आधुनिक घर की कहानी अजीब दौर है,इंसा दूर है, तकनीक पास है।।
आधुनिक घर की कहानी अजीब दौर है,इंसा दूर है, तकनीक पास है।।
पूर्वार्थ
4685.*पूर्णिका*
4685.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दिल के किसी कोने में अधुरी ख्वाइशों का जमघट हैं ।
दिल के किसी कोने में अधुरी ख्वाइशों का जमघट हैं ।
Ashwini sharma
.............सही .......
.............सही .......
Naushaba Suriya
बदचलन (हिंदी उपन्यास)
बदचलन (हिंदी उपन्यास)
Shwet Kumar Sinha
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
परदेसी की  याद  में, प्रीति निहारे द्वार ।
परदेसी की याद में, प्रीति निहारे द्वार ।
sushil sarna
चांद चेहरा मुझे क़ुबूल नहीं - संदीप ठाकुर
चांद चेहरा मुझे क़ुबूल नहीं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
#मातृभाषा हिंदी #मातृभाषा की दशा और दिशा
#मातृभाषा हिंदी #मातृभाषा की दशा और दिशा
Radheshyam Khatik
जब हक़ीक़त झूठ से टकरा गयी…!
जब हक़ीक़त झूठ से टकरा गयी…!
पंकज परिंदा
धड़कनें थम गई थीं
धड़कनें थम गई थीं
शिव प्रताप लोधी
दिल कि आवाज
दिल कि आवाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जब कोई,
जब कोई,
नेताम आर सी
.....हा हा दो पैरों वाले सभी .आवारा पशु
.....हा हा दो पैरों वाले सभी .आवारा पशु
Dr.Pratibha Prakash
सभी कहने को अपने हैं मगर फिर भी अकेला हूँ।
सभी कहने को अपने हैं मगर फिर भी अकेला हूँ।
Sunil Gupta
जिसने जीवन सौगात दिये, उस प्रेमिल माता को नमन।
जिसने जीवन सौगात दिये, उस प्रेमिल माता को नमन।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Pseudo Democracy and Monopolistic Capitalism: An In-Depth Analysis in the Present Geopolitical Scenario
Pseudo Democracy and Monopolistic Capitalism: An In-Depth Analysis in the Present Geopolitical Scenario
Shyam Sundar Subramanian
...
...
*प्रणय*
"सिलसिला"
Dr. Kishan tandon kranti
बेवक़ूफ़
बेवक़ूफ़
Otteri Selvakumar
"सफर,रुकावटें,और हौसले"
Yogendra Chaturwedi
आबाद मुझको तुम आज देखकर
आबाद मुझको तुम आज देखकर
gurudeenverma198
सब कुछ मिट गया
सब कुछ मिट गया
Madhuyanka Raj
आतंकवाद
आतंकवाद
मनोज कर्ण
सब लोग जिधर वो हैं उधर देख रहे हैं
सब लोग जिधर वो हैं उधर देख रहे हैं
Rituraj shivem verma
Loading...