Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2024 · 1 min read

अधिकांश लोगों को अपने से “बेहतर” नहीं, “कमतर” पसंद आते हैं।

अधिकांश लोगों को अपने से “बेहतर” नहीं, “कमतर” पसंद आते हैं। मंशा होती है अपनी “थोथी हनक” बनाए रखने भर की।

😊प्रणय प्रभात😊

1 Like · 35 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्याली से चाय हो की ,
प्याली से चाय हो की ,
sushil sarna
बस नेक इंसान का नाम
बस नेक इंसान का नाम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Sex in itself has no meaning. It’s what we make of it. Our s
Sex in itself has no meaning. It’s what we make of it. Our s
पूर्वार्थ
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कवि दीपक बवेजा
ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ
ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ
विनोद सिल्ला
कोरोना चालीसा
कोरोना चालीसा
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
18. कन्नौज
18. कन्नौज
Rajeev Dutta
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
Rj Anand Prajapati
हमने तुमको दिल दिया...
हमने तुमको दिल दिया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
"दिमाग"से बनाये हुए "रिश्ते" बाजार तक चलते है!
शेखर सिंह
नया
नया
Neeraj Agarwal
"सर्वाधिक खुशहाल देश"
Dr. Kishan tandon kranti
जिन्दगी की शाम
जिन्दगी की शाम
Bodhisatva kastooriya
सर्द हवाएं
सर्द हवाएं
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
तुम गए जैसे, वैसे कोई जाता नहीं
तुम गए जैसे, वैसे कोई जाता नहीं
Manisha Manjari
उन अंधेरों को उजालों की उजलत नसीब नहीं होती,
उन अंधेरों को उजालों की उजलत नसीब नहीं होती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो कुछ इस तरह रिश्ता निभाया करतें हैं
वो कुछ इस तरह रिश्ता निभाया करतें हैं
शिव प्रताप लोधी
Safar : Classmates to Soulmates
Safar : Classmates to Soulmates
Prathmesh Yelne
*जीत का जश्न*
*जीत का जश्न*
Santosh kumar Miri
Dr. Arun Kumar Shastri
Dr. Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अनकहा दर्द (कविता)
अनकहा दर्द (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
नया नया अभी उजाला है।
नया नया अभी उजाला है।
Sachin Mishra
जाति और धर्म के मुद्दे इतने अधिक बलशाली हैं कि
जाति और धर्म के मुद्दे इतने अधिक बलशाली हैं कि
Sonam Puneet Dubey
ठंडक
ठंडक
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
समझ ना पाया अरमान पिता के कद्र न की जज़्बातों की
समझ ना पाया अरमान पिता के कद्र न की जज़्बातों की
VINOD CHAUHAN
चुल्लू भर पानी में
चुल्लू भर पानी में
Satish Srijan
*नयनों में तुम बस गए, रामलला अभिराम (गीत)*
*नयनों में तुम बस गए, रामलला अभिराम (गीत)*
Ravi Prakash
#तेजा_दशमी_की_बधाई
#तेजा_दशमी_की_बधाई
*प्रणय प्रभात*
23/57.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/57.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गैरों से जायदा इंसान ,
गैरों से जायदा इंसान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...