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14 Mar 2024 · 1 min read

अधरों ने की दिल्लगी, अधरों से कल रात ।

अधरों ने की दिल्लगी, अधरों से कल रात ।
अधर समागम यूँ हुआ, मचल गए जज़्बात ।
अधरों की मनुहार का, अजब हुआ परिणाम –
अधर द्वन्द्व देते रहे, अधरों को सौगात ।

सुशील सरना / 14-3-24

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