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21 Jun 2021 · 1 min read

अद्भुत चांँद

इठलाता इतराता चांँद,
जब भी देखूंँ अद्भुत कमाल,

आधी अधूरी तेरी कहानी ,
बढ़ता-घटता जब तू पूरा दिखता ,

चेहरा तेरा कितना चमकता ,
सुंदरता की मिसाल है बनता,

चांँद तेरे मुखड़े पर ,
नजर का काला धब्बा है दिखता,

बच्चे नाचे पूर्णिमा की चांँदनी में,
आती शर्म तो अंँधेरे में छुप जाते,

चांँद तू तो बड़ा है प्यारा ,
अंधेरी रात में प्रकाश है लाता ।

#?बुद्ध प्रकाश ;मौदहा ,हमीरपुर ।

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