“अदृश्य शक्ति”
जो दिखाई नही देते वही भगवान हैं,
जिस पर हम टिके हैं ,वही भगवान है।
ब्रह्माण्ड में भगवान हैं
कण कण में भगवान हैं।
बीते हुए पल में ,
आने वाले हर छण में।
पत्थर के आकार में ,
पेड़ पत्तों और डार में ।
जीवों के व्यवहार में भगवान हैं,
जीवन के विज्ञान में भगवान हैं।
मानव के हर सांस में ,
मानव के विश्वास में।
मंदिर में और मस्जिद में ,
गुरुद्वारा और चर्च में ।
भगवान निराकार हैं ,
और उनके कई आकार हैं।
मूर्ति में और तस्वीर में,
मानव के तकदीर में ।
फूल और बहारों में,
चाँद और सितारोँ में।
धरती और आकाश में भगवान हैं,
हवा और जल में भगवान हैं।
कर्म ,और धर्म मे,
पूजा और आस्था में।
त्याग और तपस्या में,।
जप और तप में,
आहूति और हवन में ।
ज्ञान और संस्कार में ,
वेद और पुराण में भगवान हैं।
दिया और बाती में ,
मंत्र और आरती में ।
भोग और प्रसाद में ,
दया और दान में।
प्रेम और आशीर्वाद में,
अर्पण और तर्पण में,
माँ और बाप में,
पूर्वजों के वास में भगवान हैं।
लोक और परलोक में,
जीवन और मौत में भगवान हैं।
जो दिखाई नही देते वही भगवान हैं।।
लेखिका:- एकता श्रीवास्तव।
प्रयागराज✍️