अदिति नंदन
कश्यप सुत अदिति नन्दन,
है आदित्य तुमको है नमन,
संध्या और छाया के परमेश्वर,
करता तुम्हारा वंदन है ईश्वर,
यम यमुना शनि,मनु और ताप्ती के जन्मदाता,
अभिनंदन तुम्हारा है विश्वकर्मा के जमाता,
त्रेता युग में हुआ सुग्रीव तुम्हारा अंशावतार,
है! रवि तुमको प्रणाम हो जग के पालनहार,
द्वापर में हुआ सुत कर्ण तुम्हारा दानवीर,
वीरो के वीर है शिष्य तुम्हारे महावीर,
गरुड़ के भ्राता अरुण खींचते तुम्हारा रथ,
जग को रखने खुशहाल जलते हो नित,
।।जेपीएल।।