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16 Jun 2020 · 1 min read

अदाकारा पटाखा नहीं होती !

किसी कुरूप पर कितने मर्दों को मरते देखा है

प्रेम की देहलीला

सुंदर युवती पर ही आ ठहरती है

द्रोपदी सुंदरी थी

राजकुमारी थी

पाँच-पाँच पति पाई थी

फिर भी दुश्शासन ने छेड़ने का साहस किया !

ऐसे में मिसेज मुखर्जी

फ़ख्त तीन पतियों की रानी

सिर्फ इतिहास को दुहराती,

एक अदाकारा है,

पटाखा नहीं !

Language: Hindi
287 Views

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