अतीत के अनुभव
अपने अतीत के अनुभवों से हम क्या सीखना चाहते हैं ये हमारी सोच और दृष्टिकोण पर निर्भर करता है..अगर हमारी सोच सुन्दर है तो हर जगह बेझिझक सुंदरता ही फैलाने की कोशिश करेंगे..जिस दिन ये समझ आ जाएगा की ये शरीर एक दिन नष्ट हो जाना है..ये संसार ये नाम और धन दौलत कहीं नहीं जाने वाला ..हमें जीवन का मतलब ही समझ आने लगेगा..हम एक दूसरे की आत्मा से प्यार करने लगेंगे..कभी दूसरों को बुरा महसूस होने ही नहीं देंगे..लेकिन अक्सर इंसान भूल जाता है की भौतिक चीज़ों से ज्यादा मोल भावनाओं का होता है..हमें दुखी हमारे अपने नहीं हमारी अपनी सोच करती है..हम अपने आसपास का वातावरण भी वैसा ही बना लेते हैं जैसा हम सोचते हैं ..मेरे विचार से ” Our past experiences should make us more humble, kind, more understanding and more responsible for our actions. हम जो संसार को देते हैं वो वापिस लौटकर ज़रूर आता है..कभी जल्दी तो कभी देर से..चाहे वो अच्छा हो या बुरा..अपनी तरफ से हर किसी को अच्छा ही देना..अच्छा ही महसूस कराना यही तो पहचान है एक सुलझे हुए इंसान की..क्योंकि एक इंसान सब कुछ भूल सकता है पर उसने कैसा और क्या महसूस किया ये उसकी यादों में हमेशा ज़िंदा रहता है ..