Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Aug 2024 · 1 min read

अति गरीबी और किसी वस्तु, एवम् भोगों की चाह व्यक्ति को मानसिक

अति गरीबी और किसी वस्तु, एवम् भोगों की चाह व्यक्ति को मानसिक रूप से पागल बना देती है।
RJ Anand Prajapati

50 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*गुरूर जो तोड़े बानगी अजब गजब शय है*
*गुरूर जो तोड़े बानगी अजब गजब शय है*
sudhir kumar
खिलेंगे फूल राहों में
खिलेंगे फूल राहों में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वीरों की धरती......
वीरों की धरती......
रेवा राम बांधे
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*जिंदगी*
*जिंदगी*
Harminder Kaur
बुंदेली दोहा-नदारौ
बुंदेली दोहा-नदारौ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
रंजिशें
रंजिशें
AJAY AMITABH SUMAN
హాస్య కవిత
హాస్య కవిత
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
मनुष्य अंत काल में जिस जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर त्य
मनुष्य अंत काल में जिस जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर त्य
Shashi kala vyas
हर दिल-अजीज ना बना करो 'साकी',
हर दिल-अजीज ना बना करो 'साकी',
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*नेता टुटपुंजिया हुआ, नेता है मक्कार (कुंडलिया)*
*नेता टुटपुंजिया हुआ, नेता है मक्कार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ये खुदा अगर तेरे कलम की स्याही खत्म हो गई है तो मेरा खून लेल
ये खुदा अगर तेरे कलम की स्याही खत्म हो गई है तो मेरा खून लेल
Ranjeet kumar patre
क्या हिसाब दूँ
क्या हिसाब दूँ
हिमांशु Kulshrestha
याद कितनी खूबसूरत होती हैं ना,ना लड़ती हैं ना झगड़ती हैं,
याद कितनी खूबसूरत होती हैं ना,ना लड़ती हैं ना झगड़ती हैं,
शेखर सिंह
*फंदा-बूँद शब्द है, अर्थ है सागर*
*फंदा-बूँद शब्द है, अर्थ है सागर*
Poonam Matia
"सावधान"
Dr. Kishan tandon kranti
चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है
चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है
अंसार एटवी
अधिकांश होते हैं गुमराह
अधिकांश होते हैं गुमराह
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
करो तारीफ़ खुलकर तुम लगे दम बात में जिसकी
करो तारीफ़ खुलकर तुम लगे दम बात में जिसकी
आर.एस. 'प्रीतम'
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
Shyam Sundar Subramanian
तन्हाई को तोड़ कर,
तन्हाई को तोड़ कर,
sushil sarna
कविता
कविता
Neelam Sharma
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ११)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ११)
Kanchan Khanna
3701.💐 *पूर्णिका* 💐
3701.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
Atul "Krishn"
You never know when the prolixity of destiny can twirl your
You never know when the prolixity of destiny can twirl your
Chaahat
सीख
सीख
Ashwani Kumar Jaiswal
याद रखना कोई ज़रूरी नहीं ,
याद रखना कोई ज़रूरी नहीं ,
Dr fauzia Naseem shad
"समय का भरोसा नहीं है इसलिए जब तक जिंदगी है तब तक उदारता, वि
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
Loading...