अड़बड़ मिठाथे
नुनहा चिला अउ गुलगलहा भजिया
हमरो दाई बनायें हवय।
नि खांव केहेव तब पनपुरवा अंगाकर
गोरसी मां पुरोय हवय।।
मिरचा पताल के सुघ्घर चटनी, धनिया पताल डार के।
अड़बड़ मिठाही संगवारी,संग तिवरा उरीद दार में
ठेठरी खुरमी अइरसा कटवा,राम जी के तिहार में
मखना कोचई जिमिकांदा,घर केअमटाहा सांग में
उपास रहिगेव मैं उसी दिन,नई रिहिस मोरभाग में।