अटूट रिश्ते की कहानी “चांद और आसमान”
काले बादलों से लिपटा हुआ चांद आज भी खूबसूरत लगने लगा है,
यह खुला आसमान भी उसे देखकर अपनी दीवानगी जताने लगा हैं।
लगता नहीं देखकर की बदन के रंग इश्क़ में अपनी जेहर घोलता हैं,
हाय! यह चांद अपनी मुस्कुराहट से सबको खुशियों बाटने लगा है।
इतने बड़े माईखाने को आसमान उसकी रोशनी से उजागर करने लगा है,
शर्माता हुआ चांद भी कहीं ना कहीं अपने दिल के नज़्म को सुनने लगा है।
बिखरे हुए अल्फ़ाज़ को जोकर अब आसमान भी शार्यर बने लगा हैं।
पूरी रात भर कविता लिख लिख कर उसको सुनने लगा है।
पूरा आसमान कली रात की कलिमया अर्थात अमावस में घेरा हुआ है,
लगता है कि सच्चे इश्क़ करने वालो की किस्मत में यह सब आया हुआ है।
फ़िक्र होता है आसमान को जब ग्रहण उस चांद को निगलने आता है,
सोचो है कभी कि कैसे वो आसमान अपनी दुआ से अपने इश्क़ को ले आता है।
– Basanta Bhowmick